
Jyoti Kumari
2000 Delhi
मेरा परिचय मेरा‌ परिवार है। मेरा वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° है मेरे दोसà¥à¤¤à¥¤ मेरा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ मेरी पढ़ाई है। और मेरा धन है मेरा करà¥à¤®à¥¤![]()
काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
आरोप-पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª का दà¥à¤•ान होता।
नेताओं का इमà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¨ होता।
चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रैलियों का à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° होता।
à¤à¥‚ठे वादे बेशà¥à¤®à¤¾à¤° होता।
रोजगार का à¤à¤‚डार होता।
योजनाओं का अंबार होता।
जोड़- तोड़ का मेल होता।
सब पैसों का खेल होता।
काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
Time : 2021-05-08 07:52:34
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काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
आरोप-पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª का दà¥à¤•ान होता।
नेताओं का इमà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¨ होता।
चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रैलियों का à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° होता।
à¤à¥‚ठे वादे बेशà¥à¤®à¤¾à¤° होता।
रोजगार का à¤à¤‚डार होता।
योजनाओं का अंबार होता।
जोड़- तोड़ का मेल होता।
सब पैसों का खेल होता।
काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
Time : 2021-05-08 07:52:34
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*खà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¥‹ का तराना*
जब मैं सोती हूं, तब मैं खà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¥‹ को हूं बà¥à¤¨à¤¤à¥€à¥¤
कà¤à¥€ परी तो कà¤à¥€ जादूगर हूं मैं बनती।
अपने समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का सà¥à¤µà¤¯à¤‚ मैं निवारण हूं ‌करती।
नई-नई चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ हूं करती।
कà¤à¥€-कà¤à¥€ तो मैं ईशà¥à¤µà¤° से à¤à¥€ हूं मिलती।
यह देख मैं हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से हूं à¤à¤° जाती।
जब मैं सोती हूं, तब मैं हूं खो जाती।
कà¤à¥€ कà¤à¥€ तो मैं किसी ओर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ही गà¥à¤® हो जाती।
कà¤à¥€ मैं परीकà¥à¤·à¤¾ में देर से हूं पहà¥à¤‚चती,
तो कà¤à¥€ परीकà¥à¤·à¤¾ में आधा ही हूं लिखती।
कà¤à¥€ मैं सपनो में सरà¥à¤ª को हूं देखती,‌
तो कà¤à¥€ पहाड़ से गिरता है पतà¥à¤¥à¤°à¥¤
यह देख आंखें सहम सी है जाती।
बार-बार मन को करती है विचलित।
जब मैं सोती हूं, तब मैं दसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को हूं लिखती।
कà¤à¥€ अधूरी तो कà¤à¥€ पूरी कहानी का अफसाना हूं बनती।
कà¤à¥€ दà¥à¤–ी तो कà¤à¥€ सà¥à¤–ी का अंबार हूं मैं बनती।
अपने हार और जीत का आधार हूं मैं बनती।
कà¤à¥€ कà¤à¥€ तो मेरी गलतियां करती हैं परेशान।
फिर यही तो मेरी नई सोच और नई उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ का तराना हैं बà¥à¤¨à¤¤à¥€à¥¤
Time : 2021-05-08 07:51:35
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à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी चमक चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ से था मांगा,
चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ ने फिर हंसकर दिया था जवाब।
यह चमक मेरी अपनी नहीं है,
यह चमक मà¥à¤à¥‡ सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ से मिली है।
जब-जब मैं उनसे दूर हूं जाती,
तब-तब मैं अधंकार में डà¥à¤¬à¤¤à¥€ ही जाती।
जब-जब मैं उनके पास हूं आती,
तब-तब नई किरण, नई उमà¥à¤®à¥€à¤¦ हूं पाती।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ दूसरों के अचà¥à¤›à¥‡ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपनाओगे,
अचà¥à¤›à¥‡ चमक का सही अरà¥à¤¥ तà¥à¤® जलà¥à¤¦ समठजाओगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी रोशनी सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ से था मांगा,
सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ ने फिर अपनी किरण से दिया था जवाब।
यह रोशनी मेरा कोई वरदान नहीं है,
बलà¥à¤•ि यह मेरी कड़ी मेहनत का परिणाम है।
जब मै हूं जलता, तब मैं हूं निखरता।
जब मैं हूं तपता, तब मैं हूं फलता।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ कड़ी मेहनत जो करोगे,
तà¥à¤® देखोगे कि तà¥à¤® हमेशा फल-फूलते ही रहोगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी चंचलता जल से था मांगा।
जल ने फिर बहकर दिया था जवाब।
आओ मैं तà¥à¤®à¤•ो इसका राज बताऊं,
अपने राज का तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° बनाऊं।
जब मैं हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में बड़ी आसानी से हूं ढल जाती,
तब जा कर तो मैं लचकदार और चंचल हूं कहलाती।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह गà¥à¤£ धारण कर लोगे,
फिर देखना हर मà¥à¤¶à¥à¤•िलों को बड़ी जलà¥à¤¦à¥€ पार तà¥à¤® कर लोगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी छाया पेड़ो से था मांगा
पेड़ों ने फिर छाया बिखेर मà¥à¤à¥‡ दिया था जवाब।
यह छाया मेरे वरà¥à¤·à¥‹ के करà¥à¤®à¥‹ का परिणाम हैं,
यह छाया मेरे वरà¥à¤·à¥‹ के संघरà¥à¤·à¥‹ का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार हैं।
कई बार तो मैं फेल à¤à¥€ हà¥à¤†à¥¤
परंतॠमैंने अपने आतà¥à¤®à¤¬à¤² को न गिरने दिया।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह बात गांठबांध लो,
फिर देखना हर मà¥à¤¶à¥à¤•िलों की गांठखोलना और à¤à¥€ हो जाà¤à¤—ा आसान।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी दृढ़ता चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ से था मांगा,
चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ ने फिर बड़े हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से दिया था जवाब।
यह दृढ़ता मà¥à¤à¥‡ कड़े संकलà¥à¤ª से है मिली,
तà¤à¥€ तो यह सफलता आज मà¥à¤à¥‡ है मिली।
अà¤à¥€ तक मैंने बहà¥à¤¤ चोटें हैं खाई,
तà¤à¥€ तो आज मà¥à¤¶à¥à¤•िलों को सहन करने इतनी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ मà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ हैं आई।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह दृढ़ संकलà¥à¤ª आज कर लोगे,
फिर देखना तà¥à¤® à¤à¥€ जलà¥à¤¦ असमान छू लोगे।।
Time : 2021-04-25 13:46:23
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आज मैंने फिर कलम उठाया है।
अपने जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥‹ को कलम से उतार पेजों पर सवारा है।।
नई कहानी, नई राह पर चलने का इरादा है।
अपनी गलतियों से सीख, अब जीवन को सफल बनाना है।।
Time : 2021-04-17 12:42:44
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आज मैंने फिर कलम उठाया है।
अपने जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥‹ को कलम से उतार पेजों पर सवारा है।।
नई कहानी, नई राह पर चलने का इरादा है।
अपनी गलतियों से सीख, अब जीवन को सफल बनाना है।।
Time : 2021-04-17 12:42:44
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काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
आरोप-पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª का दà¥à¤•ान होता।
नेताओं का इमà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¨ होता।
चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रैलियों का à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° होता।
à¤à¥‚ठे वादे बेशà¥à¤®à¤¾à¤° होता।
रोजगार का à¤à¤‚डार होता।
योजनाओं का अंबार होता।
जोड़- तोड़ का मेल होता।
सब पैसों का खेल होता।
काश! हर दिन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ होता।
Time : 2021-05-08 07:52:34
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*खà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¥‹ का तराना*
जब मैं सोती हूं, तब मैं खà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¥‹ को हूं बà¥à¤¨à¤¤à¥€à¥¤
कà¤à¥€ परी तो कà¤à¥€ जादूगर हूं मैं बनती।
अपने समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का सà¥à¤µà¤¯à¤‚ मैं निवारण हूं ‌करती।
नई-नई चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ हूं करती।
कà¤à¥€-कà¤à¥€ तो मैं ईशà¥à¤µà¤° से à¤à¥€ हूं मिलती।
यह देख मैं हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से हूं à¤à¤° जाती।
जब मैं सोती हूं, तब मैं हूं खो जाती।
कà¤à¥€ कà¤à¥€ तो मैं किसी ओर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ही गà¥à¤® हो जाती।
कà¤à¥€ मैं परीकà¥à¤·à¤¾ में देर से हूं पहà¥à¤‚चती,
तो कà¤à¥€ परीकà¥à¤·à¤¾ में आधा ही हूं लिखती।
कà¤à¥€ मैं सपनो में सरà¥à¤ª को हूं देखती,‌
तो कà¤à¥€ पहाड़ से गिरता है पतà¥à¤¥à¤°à¥¤
यह देख आंखें सहम सी है जाती।
बार-बार मन को करती है विचलित।
जब मैं सोती हूं, तब मैं दसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को हूं लिखती।
कà¤à¥€ अधूरी तो कà¤à¥€ पूरी कहानी का अफसाना हूं बनती।
कà¤à¥€ दà¥à¤–ी तो कà¤à¥€ सà¥à¤–ी का अंबार हूं मैं बनती।
अपने हार और जीत का आधार हूं मैं बनती।
कà¤à¥€ कà¤à¥€ तो मेरी गलतियां करती हैं परेशान।
फिर यही तो मेरी नई सोच और नई उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ का तराना हैं बà¥à¤¨à¤¤à¥€à¥¤
Time : 2021-05-08 07:51:35
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à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी चमक चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ से था मांगा,
चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ ने फिर हंसकर दिया था जवाब।
यह चमक मेरी अपनी नहीं है,
यह चमक मà¥à¤à¥‡ सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ से मिली है।
जब-जब मैं उनसे दूर हूं जाती,
तब-तब मैं अधंकार में डà¥à¤¬à¤¤à¥€ ही जाती।
जब-जब मैं उनके पास हूं आती,
तब-तब नई किरण, नई उमà¥à¤®à¥€à¤¦ हूं पाती।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ दूसरों के अचà¥à¤›à¥‡ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपनाओगे,
अचà¥à¤›à¥‡ चमक का सही अरà¥à¤¥ तà¥à¤® जलà¥à¤¦ समठजाओगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी रोशनी सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ से था मांगा,
सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ ने फिर अपनी किरण से दिया था जवाब।
यह रोशनी मेरा कोई वरदान नहीं है,
बलà¥à¤•ि यह मेरी कड़ी मेहनत का परिणाम है।
जब मै हूं जलता, तब मैं हूं निखरता।
जब मैं हूं तपता, तब मैं हूं फलता।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ कड़ी मेहनत जो करोगे,
तà¥à¤® देखोगे कि तà¥à¤® हमेशा फल-फूलते ही रहोगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी चंचलता जल से था मांगा।
जल ने फिर बहकर दिया था जवाब।
आओ मैं तà¥à¤®à¤•ो इसका राज बताऊं,
अपने राज का तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° बनाऊं।
जब मैं हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में बड़ी आसानी से हूं ढल जाती,
तब जा कर तो मैं लचकदार और चंचल हूं कहलाती।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह गà¥à¤£ धारण कर लोगे,
फिर देखना हर मà¥à¤¶à¥à¤•िलों को बड़ी जलà¥à¤¦à¥€ पार तà¥à¤® कर लोगे।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी छाया पेड़ो से था मांगा
पेड़ों ने फिर छाया बिखेर मà¥à¤à¥‡ दिया था जवाब।
यह छाया मेरे वरà¥à¤·à¥‹ के करà¥à¤®à¥‹ का परिणाम हैं,
यह छाया मेरे वरà¥à¤·à¥‹ के संघरà¥à¤·à¥‹ का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार हैं।
कई बार तो मैं फेल à¤à¥€ हà¥à¤†à¥¤
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अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह बात गांठबांध लो,
फिर देखना हर मà¥à¤¶à¥à¤•िलों की गांठखोलना और à¤à¥€ हो जाà¤à¤—ा आसान।।
à¤à¤• दिन मैंने
à¤à¤• मà¥à¤ à¥à¤ ी दृढ़ता चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ से था मांगा,
चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ ने फिर बड़े हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से दिया था जवाब।
यह दृढ़ता मà¥à¤à¥‡ कड़े संकलà¥à¤ª से है मिली,
तà¤à¥€ तो यह सफलता आज मà¥à¤à¥‡ है मिली।
अà¤à¥€ तक मैंने बहà¥à¤¤ चोटें हैं खाई,
तà¤à¥€ तो आज मà¥à¤¶à¥à¤•िलों को सहन करने इतनी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ मà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ हैं आई।
अगर तà¥à¤® à¤à¥€ यह दृढ़ संकलà¥à¤ª आज कर लोगे,
फिर देखना तà¥à¤® à¤à¥€ जलà¥à¤¦ असमान छू लोगे।।
Time : 2021-04-25 13:46:23
