Mere Alfaaz Heart Touching
Hindi Poem, Shayari, Story, Ghazal
किसी ने मुझसे पूछा कैसी दिखती है वो? ...मैं क्या कहता....!
कभी - कभी साड़ी पहनती थी...काली साड़ी तो... हाय! आँखे झपकती ही नहीं थी।
उसके माथे पर छोटी सी बिंदी
आसमां के चांद जैसी लगती थी
रेगिस्तान के रेत जैसा उसके चेहरे का रंग
मजबूर करता थी उसे छूने पर...
जब मुस्कुराती थी तो आँखे उसका गाल छूने को तरसती थी
बिलकुल ऐसी है....
जैसे अभी तुम्हारा चेहरा दिखता है..अरे हाँ.. तुम्हारा ही... बस तुम्हारा।।
About Mere Alfaaz
मेरे अल्फ़ाज़ एक छोटा सा शब्द लेकिन समा जाते है इसमें सारे ज़ज़्वात ।
मेरे अल्फ़ाज़ एक मंच ही नही एक सँसार है । अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का । अपने ज़ज्वतों का सागर भरने का । यह मंच उन सभी को अबसर देने का प्रयास करता है , जो लेखन में रूचि रखते हैं ।
अपने मन के भाव , अपने अल्फ़ाज़ में लिखते हैं । कविता गीत ग़ज़ल या हो कहानी साहित्य कि कोई भी विधा । हर विधा का स्वरचित साहित्य सृजन आमन्त्रित है इस मंच पर ।
मेरे अल्फ़ाज़ छोटा सा प्रयास है शहर गाँव कस्बो से निकल सब को एक मंच पर लाने का । अपने क्षेत्र अपनी डायरी तक सिमित न रहते हुए हम विश्व पटल पर अपने आपको ला सकें। अपने सृजन अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का सशक्त मंच ।
मेरे अल्फ़ाज़ । 26 नबम्बर 2015 से माँ वाणी की कृपा से यह अभियान प्रारम्भ हुआ । आज इस मंच से कई प्रतिभाशाली रचनाकार जुड़े जो अपने सृजन से साहित्य जगत को नई दिशा दे रहे हैं । अपनी पहचान लोगो के दिलों में बना रहे हैं ।