
Neetu Gupta
1993 Delhi
"मेरे अलà¥à¤«à¤¼à¤¾à¤œ"। शायर नहीं मैं, नहीं कोई कवियतà¥à¤°à¥€, बस दिल की आवाज को मेरे अलà¥à¤«à¤¼à¤¾à¤œ बयां करते। "![]()
हवा का पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ सा à¤à¥‹à¤‚का जब छू जाठतेरे गालों को
समठजाना तब आधार मिल‌ गया है मेरे अधरों‌ को.....
Time : 2021-04-14 13:18:59
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हवा का पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ सा à¤à¥‹à¤‚का जब छू जाठतेरे गालों को
समठजाना तब आधार मिल‌ गया है मेरे अधरों‌ को.....
Time : 2021-04-14 13:18:59
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कलमकार हूं
कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
कà¤à¥€ अपना तो कà¤à¥€
दूसरों का हाल बताता हूं।
जरूरी नहीं हर बार
हो मेरा ही समाचार
कà¤à¥€-कà¤à¥€ जीवन
की राह खंगाल आता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
सà¥à¤µà¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ को छाप दूं
कà¥à¤¯à¤¾ जरूरी है
कà¤à¥€ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को‌
जो छà¥à¤ªà¥€ है
उजालें में उà¤à¤¾à¤° आता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
रोटी को तरसते
à¤à¥‚खे नंगे बचà¥à¤šà¥‡ जो बिलखते
और आप à¤à¥‹à¤œà¤¨ में थाली में छोड़ते
à¤à¤¸à¥‡ मसले को‌ à¤à¥€ समाज को‌
दिखलाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
बेटी मार दी जाती
कà¤à¥€ बेटे की चाह में
मां बाप बूढ़े हो जाते
बेटों से मिलने की आह में
उनके à¤à¤¾à¤µ को‌ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में
बिखराता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
जल बिन धरती सूखी
आकाश का सूनापन
à¤à¥‡à¤‚ट चढ रही पà¥à¤°à¤•ृति सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की
न बचाया तो पछताà¤à¤‚गे
ये आवाज जन -जन तक
पहà¥à¤‚चाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
वकà¥à¤¤ की मार पड़े
दरà¥à¤¦ आ दà¥à¤µà¤¾à¤° खड़े
पहले ही कà¤à¥€
सबको सीख दे
आगाह à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ से करवाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
Time : 2021-04-15 16:17:06
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कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो मरà¥à¤¦ है...
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नहीं पंसद उसे कि कोई उसके अहम से टकराये
उसको नहीं à¤à¤¾à¤¤à¤¾ कोई उसके सामने टिक पाà¤à¥¤
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसको बोलती औरत चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ लगती है
उसका वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ नषà¥à¤Ÿ होता है जब वो खामोशी तोड़ती है।
यदि औरत घरों से बाहर निकल जाà¤
लगता है उसे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पर आंच न आ जाà¤à¥¤
उसके ठहाके लगाके हंसने से मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤‚ग होती है
मगर मूंछे तन जाती है जब औरत घूंघट में संग होती है।
यहां तक कि औरत के नाम में à¤à¥€ उसका नाम जोड़ा जाना चाहिà¤
उसकी ही पहचान, औरत की पहचान होनी चाहिà¤à¥¤
वो खà¥à¤¦ को ही औरत का खà¥à¤¦à¤¾ समठबैठता है
अपनी मरà¥à¤œà¥€ के बिना à¤à¤• कदम नहीं चलने देता है।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो मरà¥à¤¦ है ।।
Time : 2021-04-14 13:14:36
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** दिल का मेहमां...**
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, à¤à¤¸à¤¾ मकाम बना लेंगे ।
मेरी आंखों का नूर तà¥à¤® हो,,,
चेहरे को तेरे, हम अपना खà¥à¤µà¤¾à¤¬. बना लेंगे ।
महसूस करोगे तà¥à¤®,हर दम पास अपने,,,
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ सांसों का हकदार बना लेंगे ।
धड़कनों में नाम तेरा गूंजें,
तà¥à¤à¥‡ दिल का मेहमां बना लेंगे ।
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, à¤à¤¸à¤¾ मकान बना लेंगे ।
लबों पर तेरे, मेरे नगमे खिलेंगे,,,
तà¥à¤à¥‡ हम मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ -à¤-बहार बना लेंगे ।
इजाजत दे तू अगर,, तà¥à¤à¤•ो
हम अपना हमसफर बना लेंगे ।
मेरी नजरों से दौर-à¤-मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ देखो,,,,
खà¥à¤¦ को लà¥à¤Ÿà¤¾ के à¤à¥€ ,तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना बना लेंगे ।
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,
दिल में तेरे,à¤à¤¸à¤¾ मकाम बना लेंगे ।â â
Time : 2021-04-14 13:12:12
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** सागर की लहरों में .... **
हूं मैं नदियां की बहती धारा
मिलना चाहूं सागर की लहरों में ।
तनà¥à¤¹à¤¾ ही पहाड़ों से मैदानों तक बहती रही निरनà¥à¤¤à¤°
खोना चाहूं अब सागर की लहरों में ।
बहते-बहते थकी हूं बहà¥à¤¤
आराम चांहू मैं सागर की लहरों में ।
बहà¥à¤¤ दूर से चली बहà¥à¤¤ दूर तक आयी
अब रूकना चाहूं सागर की लहरों में ।
पथरीली राहों में राह बनाकर मीलों तय किये इस उमà¥à¤®à¥€à¤¦ से
पनाह मिलें मà¥à¤à¥‡ सागर की लहरों में ।
तपती धरती की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤à¤¾à¤•र,
आ गई. शायद पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤ जाठमेरी सागर की लहरों में ।
हूं मैं नदियां की बहती धारा
किनारा चाहूं मैं सागर की लहरों में ।
Time : 2021-04-14 13:09:41
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** इंतजार **
à¤à¤• अजनबी का है इंतजार
कर सके जिस पर खà¥à¤¦ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¤à¤¬à¤¾à¤°
जिसकी आà¤à¤–ों से देख सके जहाठसारा
बीते हर लमà¥à¤¹à¤¾ साथ उसके
गमो की शाम और खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सवेरा
कà¤à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¥€ बाते हो कà¤à¥€ हो मीठी तकरार
à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ अजनबी का है इंतजार
आने से जिसके à¤à¥‚म उठे जीवन में बहार
खयालो में खो जाये à¤à¤• दूजे के
दोनों के दरमिया हो बस पà¥à¤¯à¤¾à¤°
उससे मेरा और मà¥à¤à¤•ो उसका
पूरा हो जाठअधूरा संसार
बस à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अजनबी का है इंतजार
Time : 2021-04-14 13:07:28
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गम़ मेरे हैं तो आà¤à¤¸à¥‚ à¤à¥€ मेरे ही बहने दो
थोड़ी देर तनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ के आगोश में रहने दो
दिल-ओ-दिमाग में जंग छिड़ी है अà¤à¥€
वकà¥à¤¤à¤¼ देते हैं,à¤à¤• दूसरे को समà¤à¤¨à¥‡ दो
Time : 2021-04-14 13:02:00
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"" बचपन के सपने""
खेल खिलौनों से खेलते,
मासूमियत. की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में लिपटे,
धमा-चौकड़ी के धूल में सने,
कà¥à¤› छोटे कà¥à¤› बडे़,
वो बचपन. के सपने।
à¤à¤• उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के बकà¥à¤¸à¥‡ में जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संजोये,
सोच के ये कि जब होंगे हम सयाने,
खोल बकà¥à¤¸à¥‡ से,
धूल जमें सपने को निकालें,
à¤à¤¾à¤¡à¤¼-पोंछ कर,नया रूप देकर
फिर से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जियें,
मगर जिनà¥à¤¦à¤—ी की रेल,
à¤à¤¾à¤—े अपनी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° लिये।
सबसे आगे निकलने की दौड़ में,
सब कà¥à¤› पा लेने की होड़ में,
जाने कहाà¤, , छूटा वो सपनों का बकà¥à¤¸à¤¾,
जिसमें था बचपन सारा सिमटा।
बडे़ हो गये हम इतने ...
कि अब तो याद à¤à¥€ न रहें, ,
वो बचपन के सपनें।।
Time : 2021-04-14 12:59:46
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** à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ **
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à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯.
आखर आखर बिंध पà¥à¤°à¥€à¤¤ लिà¤
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पंकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® रस पिरोये
बावरा मन सà¥à¤§ बà¥à¤§ खोये
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ कहना कि
जाग उठे बूंद बूंद माधà¥à¤°à¥à¤¯
रोम रोम पà¥à¤²à¤•ित हो जाये
पà¥à¤°à¤®à¥à¤¦à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ हो हृदय
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
पल ये सà¥à¤°à¤®à¤ˆ हो जाये
और हौले से यौवन मà¥à¤¸à¥à¤•ाà¤
उपजे मन में à¤à¤¾à¤µ दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ देख गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾à¤Š गीत पà¥à¤°à¤£à¤¯
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
Time : 2021-04-14 12:58:05
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अब à¤à¤• à¤à¤• लफà¥à¤¼à¤œ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ लगे गर तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚, तो सदियां बीत जाà¤à¤‚गी !
आंखें पढ़ लो à¤à¤• बार , बात सारी आईने की तरह साफ नजर आà¤à¤—ी !!
Time : 2021-03-23 08:41:07
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अकà¥à¤¸à¤° ही à¤à¤¸à¤¾ होता है जब नाम तेरा जà¥à¤¬à¤¾à¤‚ पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं....
कैसी कशिश है, तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ सनम जो देेख कर ही तà¥à¤à¥‡ मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 08:40:26
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किससे जबाब तलब करते
सवाल à¤à¥€ मैं जबाब à¤à¥€ मैं ॥
Time : 2021-03-23 08:39:45
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मैनें मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤Ÿ का लिबास ओढा है जब से
आंखों ने आंसू बहाना तो छोड दिया
मगर दिल नादान इतना कि रोता है अब à¤à¥€
और बेपरवाहों से रसà¥à¤¤à¤¾ अपना मोड़ लिया
Time : 2021-03-23 08:39:13
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मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा हैमेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
ना देखेठजब तक पनà¥à¤¨à¥‹à¤ को इसके पलट कर
लगे दिन सारा बेकार सा है
कà¥à¤¯à¥‹à¤•िठये पनà¥à¤¨à¥‹à¤ मेठबसे संसार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
तलब लगे सबसे पहले जिसकी
à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥€ चाय की चà¥à¤¸à¥à¤•ी जो नीà¤à¤¦ से जगाती
à¤à¥‹à¤° की पहली चाय के इंतजार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
सूरज की लाली से रंग चà¥à¤¨à¥‡à¤
चिङियोठकी चहक से शबà¥à¤¦ बà¥à¤¨à¥‡à¤
बदलाव की बयार सा है
पà¥à¤°à¥‡à¤® और सौहादà¥à¤° के पà¥à¤•ार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
असर करेठखबर वजूद इसका असरदार सा है
मेरा शहर सचà¥à¤šà¥‡ दिलदार सा है
Time : 2021-03-23 08:38:31
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Ek pal k liye laga ki sb kuch kho diya Maine...
Itna khalipan kabhi mahsus nhi kiya Maine...
Tere aashuyo ki kasam ...h Mjhe
kbhi khudh KO Jo bina tere mahsus kiya Maine...
Kbhi tere dil ki dharkano PR mere sargam gujte..
Khud hi sb tabaah kr liya Maine....
Gharonda ek chota sa bnane ki chaht to apni bhi h...
KB is khawab KO mitti me mila diya Maine.....
Uajar si kr di jindgi Teri .. Viraniya bhar Di ... Khushiyo ki jagh ye kaisa manjar bna diya Maine....
Ho ske to maaf kr Dena ...
Teri kasti KO ubara to nhi.. dubaya kiya Maine...
Time : 2021-03-23 08:37:48
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जब जब तू दिखाता है सपने
मैं देखती जाती हूं
तेरे दिखाये सपनों में जैसे कहीं गà¥à¤® सी हो जाती हूं
à¤à¤•-à¤à¤• लमà¥à¤¹à¤¾ बीते जैसे संग सपनों के
मैं पोर-पोर उनमें इसी तरह घà¥à¤²à¤¤à¥€ जाती हूं
रग - रग में खूं के जैसे तू और तेरे दिखाये सपने
à¤à¤•-à¤à¤• मोती पिरो माला बनाती जाती हूं
फिर à¤à¤• दिन न जाने कà¥à¤¯à¤¾ कैसे और कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होता है
बेरहम की तरह तू खà¥à¤¦ दिखाये सपनों को रौंदता है
और मैं कà¤à¥€ न सिमटने के लिठबिखरती जाती हूं॥
Time : 2021-03-23 08:37:16
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मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
तेरी हर à¤à¤• अदा को लफà¥à¤œ बना
शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अपने पिरोना चाहता हूं
तेरी आंखों में समनà¥à¤¦à¤° जो अथाह
तेरी जà¥à¤²à¥à¤«à¥‹à¤‚ में बदरा जैसे सà¥à¤¯à¤¾à¤¹
नरà¥à¤® होंठजैसे पंखà¥à¤¡à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤¬
चेहरा जैसे रौशन आफताब
दिलकश तेरे जलवों कोÂ
अपने तरीके से गढ़ना चाहता हूं
मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
संगमरमरी बदन को तराशा खà¥à¤¦à¤¾ ने
कोई कसर न छोडी कलाकारी लà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ में
गढा हो चाहे जिस à¤à¥€ सांचे में तेरी सूरत को
लगती हो मगर खूबसूरत इबादत की मूरत हो
खà¥à¤¦à¤¾ से पहले तेरी इबादत करना चाहता हूं
मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
Time : 2021-03-23 08:36:21
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खूं-à¤-जिगर से पूछ लो गर न हो à¤à¤¤à¤¬à¤¾à¤° कतरा कतरा तेरी दिवानगी की गवाही देगा
Time : 2021-03-23 15:01:32
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अकà¥à¤¸à¤° ही à¤à¤¸à¤¾ होता है जब नाम तेरा जà¥à¤¬à¤¾à¤‚ पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं
कैसी कशिश है, तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ सनम जो देेख कर ही तà¥à¤à¥‡ मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 15:02:08
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पूछे कोई मà¥à¤à¤¸à¥‡ कि जिनà¥à¤¦à¤—ी कà¥à¤¯à¤¾ से कà¥à¤¯à¤¾ हो गई है
सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ सी मैं और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ हवा हो गई है।
Time : 2021-03-23 08:29:11
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Kya kahu yrrrr tera andaaz sbse juda hai
Tere ikraar-e-mohbaat ki alag hi ada hai
Badi khushnaseeb h vo mohtarma Jis par
Yarr mera dil-o-jaan se fida hai
Time : 2021-03-23 15:02:36
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हरà¥à¤«à¤¼- हरà¥à¤«à¤¼ तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ घà¥à¤²à¤¨à¥‡ की खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ है
मेरी रूह को बस इतनी सी इजाजत दे दो
Time : 2021-03-23 08:26:16
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मेरा इमां तà¥à¤® , मेरा अरमां à¤à¥€ तà¥à¤®
मेरा खà¥à¤¬à¤¾à¤¬ हो , मेरा जहाठहो तà¥à¤®
तà¥à¤® से मेरी जिनà¥à¤¦à¤—ी की खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤
जिधर à¤à¥€ नजर करूं वहाठहो तà¥à¤®
Time : 2021-03-23 08:18:11
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तेरी यादों के बारिश में à¤à¥€à¤—ी जमीं हूà¤
कà¤à¥€ पूरी न हो सकूं मैं वो कमी हूà¤
Time : 2021-03-23 08:16:59
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आजादी की मशाल जो शहीद लहू से अपने जला गये।
याद आते ही उनकी कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आंखों में आंसू आ गये।
करते हैं वंदन और नमन à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन वीर सपूतों को,
जो शीश अपना मातृà¤à¥‚मि के चरणों में à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ा गये।।
Time : 2021-03-23 08:05:36
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जागती आंखों का खà¥à¤¬à¤¾à¤¼à¤¬ तà¥à¤® हो महकते गà¥à¤²à¤¶à¤¨ का गà¥à¤²à¤¾à¤¬ तà¥à¤® हो
जाहिर नहीं कर सकते लफà¥à¤œà¥‹à¤‚ में जिनà¥à¤¦à¤—ी की पूरी किताब तà¥à¤® हो।।।
नीतू©
Time : 2021-03-15 18:51:13
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मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा हैमेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
ना देखेठजब तक पनà¥à¤¨à¥‹à¤ को इसके पलट कर
लगे दिन सारा बेकार सा है
कà¥à¤¯à¥‹à¤•िठये पनà¥à¤¨à¥‹à¤ मेठबसे संसार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
तलब लगे सबसे पहले जिसकी
à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥€ चाय की चà¥à¤¸à¥à¤•ी जो नीà¤à¤¦ से जगाती
à¤à¥‹à¤° की पहली चाय के इंतजार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
सूरज की लाली से रंग चà¥à¤¨à¥‡à¤
चिङियोठकी चहक से शबà¥à¤¦ बà¥à¤¨à¥‡à¤
बदलाव की बयार सा है
पà¥à¤°à¥‡à¤® और सौहादà¥à¤° के पà¥à¤•ार सा है
मेरा शहर सà¥à¤¬à¤¹ के ताजे अखबार सा है
असर करेठखबर वजूद इसका असरदार सा है
मेरा शहर सचà¥à¤šà¥‡ दिलदार सा है
Time : 2021-03-23 08:38:31
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Ek pal k liye laga ki sb kuch kho diya Maine...
Itna khalipan kabhi mahsus nhi kiya Maine...
Tere aashuyo ki kasam ...h Mjhe
kbhi khudh KO Jo bina tere mahsus kiya Maine...
Kbhi tere dil ki dharkano PR mere sargam gujte..
Khud hi sb tabaah kr liya Maine....
Gharonda ek chota sa bnane ki chaht to apni bhi h...
KB is khawab KO mitti me mila diya Maine.....
Uajar si kr di jindgi Teri .. Viraniya bhar Di ... Khushiyo ki jagh ye kaisa manjar bna diya Maine....
Ho ske to maaf kr Dena ...
Teri kasti KO ubara to nhi.. dubaya kiya Maine...
Time : 2021-03-23 08:37:48
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जब जब तू दिखाता है सपने
मैं देखती जाती हूं
तेरे दिखाये सपनों में जैसे कहीं गà¥à¤® सी हो जाती हूं
à¤à¤•-à¤à¤• लमà¥à¤¹à¤¾ बीते जैसे संग सपनों के
मैं पोर-पोर उनमें इसी तरह घà¥à¤²à¤¤à¥€ जाती हूं
रग - रग में खूं के जैसे तू और तेरे दिखाये सपने
à¤à¤•-à¤à¤• मोती पिरो माला बनाती जाती हूं
फिर à¤à¤• दिन न जाने कà¥à¤¯à¤¾ कैसे और कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होता है
बेरहम की तरह तू खà¥à¤¦ दिखाये सपनों को रौंदता है
और मैं कà¤à¥€ न सिमटने के लिठबिखरती जाती हूं॥
Time : 2021-03-23 08:37:16
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मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
तेरी हर à¤à¤• अदा को लफà¥à¤œ बना
शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अपने पिरोना चाहता हूं
तेरी आंखों में समनà¥à¤¦à¤° जो अथाह
तेरी जà¥à¤²à¥à¤«à¥‹à¤‚ में बदरा जैसे सà¥à¤¯à¤¾à¤¹
नरà¥à¤® होंठजैसे पंखà¥à¤¡à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤¬
चेहरा जैसे रौशन आफताब
दिलकश तेरे जलवों कोÂ
अपने तरीके से गढ़ना चाहता हूं
मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
संगमरमरी बदन को तराशा खà¥à¤¦à¤¾ ने
कोई कसर न छोडी कलाकारी लà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ में
गढा हो चाहे जिस à¤à¥€ सांचे में तेरी सूरत को
लगती हो मगर खूबसूरत इबादत की मूरत हो
खà¥à¤¦à¤¾ से पहले तेरी इबादत करना चाहता हूं
मैं à¤à¤• गजल कहना चाहता हूं
Time : 2021-03-23 08:36:21
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हवा का पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ सा à¤à¥‹à¤‚का जब छू जाठतेरे गालों को
समठजाना तब आधार मिल‌ गया है मेरे अधरों‌ को.....
Time : 2021-04-14 13:18:59
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गम़ मेरे हैं तो आà¤à¤¸à¥‚ à¤à¥€ मेरे ही बहने दो
थोड़ी देर तनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ के आगोश में रहने दो
दिल-ओ-दिमाग में जंग छिड़ी है अà¤à¥€
वकà¥à¤¤à¤¼ देते हैं,à¤à¤• दूसरे को समà¤à¤¨à¥‡ दो
Time : 2021-04-14 13:02:00
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अब à¤à¤• à¤à¤• लफà¥à¤¼à¤œ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ लगे गर तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚, तो सदियां बीत जाà¤à¤‚गी !
आंखें पढ़ लो à¤à¤• बार , बात सारी आईने की तरह साफ नजर आà¤à¤—ी !!
Time : 2021-03-23 08:41:07
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अकà¥à¤¸à¤° ही à¤à¤¸à¤¾ होता है जब नाम तेरा जà¥à¤¬à¤¾à¤‚ पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं....
कैसी कशिश है, तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ सनम जो देेख कर ही तà¥à¤à¥‡ मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 08:40:26
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किससे जबाब तलब करते
सवाल à¤à¥€ मैं जबाब à¤à¥€ मैं ॥
Time : 2021-03-23 08:39:45
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मैनें मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤Ÿ का लिबास ओढा है जब से
आंखों ने आंसू बहाना तो छोड दिया
मगर दिल नादान इतना कि रोता है अब à¤à¥€
और बेपरवाहों से रसà¥à¤¤à¤¾ अपना मोड़ लिया
Time : 2021-03-23 08:39:13
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खूं-à¤-जिगर से पूछ लो गर न हो à¤à¤¤à¤¬à¤¾à¤° कतरा कतरा तेरी दिवानगी की गवाही देगा
Time : 2021-03-23 15:01:32
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अकà¥à¤¸à¤° ही à¤à¤¸à¤¾ होता है जब नाम तेरा जà¥à¤¬à¤¾à¤‚ पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं
कैसी कशिश है, तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ सनम जो देेख कर ही तà¥à¤à¥‡ मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 15:02:08
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पूछे कोई मà¥à¤à¤¸à¥‡ कि जिनà¥à¤¦à¤—ी कà¥à¤¯à¤¾ से कà¥à¤¯à¤¾ हो गई है
सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ सी मैं और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ हवा हो गई है।
Time : 2021-03-23 08:29:11
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Kya kahu yrrrr tera andaaz sbse juda hai
Tere ikraar-e-mohbaat ki alag hi ada hai
Badi khushnaseeb h vo mohtarma Jis par
Yarr mera dil-o-jaan se fida hai
Time : 2021-03-23 15:02:36
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हरà¥à¤«à¤¼- हरà¥à¤«à¤¼ तà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ घà¥à¤²à¤¨à¥‡ की खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ है
मेरी रूह को बस इतनी सी इजाजत दे दो
Time : 2021-03-23 08:26:16
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तेरी यादों के बारिश में à¤à¥€à¤—ी जमीं हूà¤
कà¤à¥€ पूरी न हो सकूं मैं वो कमी हूà¤
Time : 2021-03-23 08:16:59
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आजादी की मशाल जो शहीद लहू से अपने जला गये।
याद आते ही उनकी कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आंखों में आंसू आ गये।
करते हैं वंदन और नमन à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन वीर सपूतों को,
जो शीश अपना मातृà¤à¥‚मि के चरणों में à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ा गये।।
Time : 2021-03-23 08:05:36
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जागती आंखों का खà¥à¤¬à¤¾à¤¼à¤¬ तà¥à¤® हो महकते गà¥à¤²à¤¶à¤¨ का गà¥à¤²à¤¾à¤¬ तà¥à¤® हो
जाहिर नहीं कर सकते लफà¥à¤œà¥‹à¤‚ में जिनà¥à¤¦à¤—ी की पूरी किताब तà¥à¤® हो।।।
नीतू©
Time : 2021-03-15 18:51:13
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कलमकार हूं
कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
कà¤à¥€ अपना तो कà¤à¥€
दूसरों का हाल बताता हूं।
जरूरी नहीं हर बार
हो मेरा ही समाचार
कà¤à¥€-कà¤à¥€ जीवन
की राह खंगाल आता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
सà¥à¤µà¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ को छाप दूं
कà¥à¤¯à¤¾ जरूरी है
कà¤à¥€ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को‌
जो छà¥à¤ªà¥€ है
उजालें में उà¤à¤¾à¤° आता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
रोटी को तरसते
à¤à¥‚खे नंगे बचà¥à¤šà¥‡ जो बिलखते
और आप à¤à¥‹à¤œà¤¨ में थाली में छोड़ते
à¤à¤¸à¥‡ मसले को‌ à¤à¥€ समाज को‌
दिखलाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
बेटी मार दी जाती
कà¤à¥€ बेटे की चाह में
मां बाप बूढ़े हो जाते
बेटों से मिलने की आह में
उनके à¤à¤¾à¤µ को‌ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में
बिखराता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
जल बिन धरती सूखी
आकाश का सूनापन
à¤à¥‡à¤‚ट चढ रही पà¥à¤°à¤•ृति सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की
न बचाया तो पछताà¤à¤‚गे
ये आवाज जन -जन तक
पहà¥à¤‚चाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
वकà¥à¤¤ की मार पड़े
दरà¥à¤¦ आ दà¥à¤µà¤¾à¤° खड़े
पहले ही कà¤à¥€
सबको सीख दे
आगाह à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ से करवाता हूं
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
Time : 2021-04-15 16:17:06
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कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो मरà¥à¤¦ है...
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नहीं पंसद उसे कि कोई उसके अहम से टकराये
उसको नहीं à¤à¤¾à¤¤à¤¾ कोई उसके सामने टिक पाà¤à¥¤
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसको बोलती औरत चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ लगती है
उसका वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ नषà¥à¤Ÿ होता है जब वो खामोशी तोड़ती है।
यदि औरत घरों से बाहर निकल जाà¤
लगता है उसे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पर आंच न आ जाà¤à¥¤
उसके ठहाके लगाके हंसने से मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤‚ग होती है
मगर मूंछे तन जाती है जब औरत घूंघट में संग होती है।
यहां तक कि औरत के नाम में à¤à¥€ उसका नाम जोड़ा जाना चाहिà¤
उसकी ही पहचान, औरत की पहचान होनी चाहिà¤à¥¤
वो खà¥à¤¦ को ही औरत का खà¥à¤¦à¤¾ समठबैठता है
अपनी मरà¥à¤œà¥€ के बिना à¤à¤• कदम नहीं चलने देता है।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो मरà¥à¤¦ है ।।
Time : 2021-04-14 13:14:36
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** दिल का मेहमां...**
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, à¤à¤¸à¤¾ मकाम बना लेंगे ।
मेरी आंखों का नूर तà¥à¤® हो,,,
चेहरे को तेरे, हम अपना खà¥à¤µà¤¾à¤¬. बना लेंगे ।
महसूस करोगे तà¥à¤®,हर दम पास अपने,,,
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ सांसों का हकदार बना लेंगे ।
धड़कनों में नाम तेरा गूंजें,
तà¥à¤à¥‡ दिल का मेहमां बना लेंगे ।
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, à¤à¤¸à¤¾ मकान बना लेंगे ।
लबों पर तेरे, मेरे नगमे खिलेंगे,,,
तà¥à¤à¥‡ हम मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ -à¤-बहार बना लेंगे ।
इजाजत दे तू अगर,, तà¥à¤à¤•ो
हम अपना हमसफर बना लेंगे ।
मेरी नजरों से दौर-à¤-मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ देखो,,,,
खà¥à¤¦ को लà¥à¤Ÿà¤¾ के à¤à¥€ ,तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना बना लेंगे ।
कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾ न सको हमें, ,
दिल में तेरे,à¤à¤¸à¤¾ मकाम बना लेंगे ।â â
Time : 2021-04-14 13:12:12
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** सागर की लहरों में .... **
हूं मैं नदियां की बहती धारा
मिलना चाहूं सागर की लहरों में ।
तनà¥à¤¹à¤¾ ही पहाड़ों से मैदानों तक बहती रही निरनà¥à¤¤à¤°
खोना चाहूं अब सागर की लहरों में ।
बहते-बहते थकी हूं बहà¥à¤¤
आराम चांहू मैं सागर की लहरों में ।
बहà¥à¤¤ दूर से चली बहà¥à¤¤ दूर तक आयी
अब रूकना चाहूं सागर की लहरों में ।
पथरीली राहों में राह बनाकर मीलों तय किये इस उमà¥à¤®à¥€à¤¦ से
पनाह मिलें मà¥à¤à¥‡ सागर की लहरों में ।
तपती धरती की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤à¤¾à¤•र,
आ गई. शायद पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤ जाठमेरी सागर की लहरों में ।
हूं मैं नदियां की बहती धारा
किनारा चाहूं मैं सागर की लहरों में ।
Time : 2021-04-14 13:09:41
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** इंतजार **
à¤à¤• अजनबी का है इंतजार
कर सके जिस पर खà¥à¤¦ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¤à¤¬à¤¾à¤°
जिसकी आà¤à¤–ों से देख सके जहाठसारा
बीते हर लमà¥à¤¹à¤¾ साथ उसके
गमो की शाम और खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सवेरा
कà¤à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¥€ बाते हो कà¤à¥€ हो मीठी तकरार
à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ अजनबी का है इंतजार
आने से जिसके à¤à¥‚म उठे जीवन में बहार
खयालो में खो जाये à¤à¤• दूजे के
दोनों के दरमिया हो बस पà¥à¤¯à¤¾à¤°
उससे मेरा और मà¥à¤à¤•ो उसका
पूरा हो जाठअधूरा संसार
बस à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अजनबी का है इंतजार
Time : 2021-04-14 13:07:28
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"" बचपन के सपने""
खेल खिलौनों से खेलते,
मासूमियत. की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में लिपटे,
धमा-चौकड़ी के धूल में सने,
कà¥à¤› छोटे कà¥à¤› बडे़,
वो बचपन. के सपने।
à¤à¤• उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के बकà¥à¤¸à¥‡ में जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संजोये,
सोच के ये कि जब होंगे हम सयाने,
खोल बकà¥à¤¸à¥‡ से,
धूल जमें सपने को निकालें,
à¤à¤¾à¤¡à¤¼-पोंछ कर,नया रूप देकर
फिर से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जियें,
मगर जिनà¥à¤¦à¤—ी की रेल,
à¤à¤¾à¤—े अपनी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° लिये।
सबसे आगे निकलने की दौड़ में,
सब कà¥à¤› पा लेने की होड़ में,
जाने कहाà¤, , छूटा वो सपनों का बकà¥à¤¸à¤¾,
जिसमें था बचपन सारा सिमटा।
बडे़ हो गये हम इतने ...
कि अब तो याद à¤à¥€ न रहें, ,
वो बचपन के सपनें।।
Time : 2021-04-14 12:59:46
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** à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ **
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à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯.
आखर आखर बिंध पà¥à¤°à¥€à¤¤ लिà¤
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पंकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® रस पिरोये
बावरा मन सà¥à¤§ बà¥à¤§ खोये
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ कहना कि
जाग उठे बूंद बूंद माधà¥à¤°à¥à¤¯
रोम रोम पà¥à¤²à¤•ित हो जाये
पà¥à¤°à¤®à¥à¤¦à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ हो हृदय
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
पल ये सà¥à¤°à¤®à¤ˆ हो जाये
और हौले से यौवन मà¥à¤¸à¥à¤•ाà¤
उपजे मन में à¤à¤¾à¤µ दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ देख गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾à¤Š गीत पà¥à¤°à¤£à¤¯
à¤à¤• कविता कहो à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯
Time : 2021-04-14 12:58:05
