
Deepak Seth
1990 VARANASI
तिशà¥à¤¨à¤—ी ठइशà¥à¥˜ में हम à¤à¤Ÿà¤•े इस तरह, कोई काफ़िर à¤à¤Ÿà¤•े खà¥à¤¦à¤¾ की तलाश में जिस तरह...©नींद देती है, ना जाने कितने ख़ाब à¤à¥€ देती है
वो माठही है जो हर सवालों का जवाब देती है
जब à¤à¥€ घिरे हो मà¥à¤¶à¥à¤•िलों से बड़े आराम से निकाल देती है
वो माठही है जो हर मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‹à¤‚ का मà¥à¤‚हतोड़ जवाब देती है
à¤à¥‚खे हो बचà¥à¤šà¥‡ तो अपनी थाली परोस देती है
वो माठही है जो अपने à¤à¥‚ख को à¤à¥€ मात देती है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-05-09 14:41:51
नींद देती है, ना जाने कितने ख़ाब à¤à¥€ देती है
वो माठही है जो हर सवालों का जवाब देती है
जब à¤à¥€ घिरे हो मà¥à¤¶à¥à¤•िलों से बड़े आराम से निकाल देती है
वो माठही है जो हर मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‹à¤‚ का मà¥à¤‚हतोड़ जवाब देती है
à¤à¥‚खे हो बचà¥à¤šà¥‡ तो अपनी थाली परोस देती है
वो माठही है जो अपने à¤à¥‚ख को à¤à¥€ मात देती है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-05-09 14:41:51
दिल मे दबी कोई टिस तो है
à¤à¤• तसà¥à¤µà¥€à¤° आंखों में छपी तो है
यूठही आह नही निकल रही
कही कोई कमी सी तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
नींद में कोई खलबली सी तो है
खà¥à¤µà¤¾à¤¬à¥‹à¤‚ में कोई मनचली तो है
यूठही नही कोई याद आ रहा
कही कोई आग लगी तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
शायरी में किसी का ज़िकà¥à¤° तो है
कà¥à¤› न सही मगर दिलà¥à¤²à¤—ी तो है
इस लॉकडाउन में हर तरफ सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾ है
फिर à¤à¥€ दिल मे कोई खलबली तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
à¤à¤• तसà¥à¤µà¥€à¤° आंखों में छपी तो है
यूठही आह नही निकल रही
कही कोई कमी सी तो है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-26 08:57:28
à¤à¤• दिन बहà¥à¤¤ दूर चले जायेंगे हम
दूर फ़िज़ाओं में तारो के बीच नजर आà¤à¤‚गे हम
सोच कर आंखे नम ना करना
जमाने à¤à¤° की खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दे जाà¤à¤‚गे हम।
@दीपक सेà¤
Time : 2021-04-25 13:47:02
"मेरा शहर बनारस"
उतà¥à¤¤à¤° वाहिनी बहती जहाठगंगा
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की नगरी में हो जाता मन चंगा
वो à¤à¤• शहर नही मेरी जान बनारस है
मोकà¥à¤· मिलती जिस नगरी में
हरिशà¥à¤šà¤‚दà¥à¤° और मणिकरà¥à¤£à¤¿à¤•ा घाट जहाठपर
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में सब à¤à¥‚मे
मिलता शà¥à¤°à¥€ विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ का धाम जहाठपर
वो à¤à¤• शहर नही मेरी जान बनारस है
शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी जैसा महान जहाठपर
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द का गोदान जहाठपर
मिलता सबसे बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ पान जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की धूनी में हर कोई रमा जहाठपर
दबा के मगही पान मà¥à¤à¤¹ में
करता महादेव की गà¥à¤£à¤—ान जहाठपर
बजती बिसà¥à¤®à¤¿à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ खान की शहनाई जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है।
पहलवान की लसà¥à¤¸à¥€ और असà¥à¤¸à¥€ की शाम जहाठपर
सà¥à¤µà¤¯à¤‚ विराजे à¤à¥ˆà¤°à¤µ बाबा बनकर काशी कोतवाल जहाठपर
हर हर महादेव का नारा
गूà¤à¤œà¤¤à¤¾ सà¥à¤¬à¤¹ औ' शाम जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-23 20:06:44
"बेटियां"
बड़े खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते है वो लोग
जिनकी पहली संतान होती है बेटियां
कà¤à¥€ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ तो कà¤à¥€ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का रूप à¤à¥€ होती है बेटियां
सबके जीवन को खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² बनाती है बेटियां।।
पापा की लाडली औ' माठकी दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€ होती है बेटियां
à¤à¤¾à¤ˆ की जान औ' शान होती है बेटियां
घर मे छोटी हो तो सबकी दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€
और अगर बड़ी हो तो सबकी नानी à¤à¥€ होती है बेटियां।।
पापा के मार से à¤à¤¾à¤ˆ को बचाती है बेटियां
उसके à¤à¤µà¤œ में à¤à¤¾à¤ˆ से पैसे à¤à¥€ à¤à¤‚ठती है बेटियां
काम करने में कà¤à¥€ सबसे आगे
तो कà¤à¥€ जंगरचोरी à¤à¥€ करती है बेटियां।।
कहते है पराया धन होती है बेटियां
फिर à¤à¥€ हर घर की शान होती है बेटियां
घर के आंगन में जब खेलती है बेटियां
खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से घर को à¤à¤° देती है बेटियां।।
शादी के बाद अपने ही घर को पराया
और पति के घर को अपना बताती है बेटियां
à¤à¤¾à¤ˆ के लिठपति से à¤à¥€ लड़ती है बेटियां
माठबाप के बà¥à¥à¤¾à¤ªà¥‡ का सहारा à¤à¥€ होती है बेटियां।।
बन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ बाई अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ से लोहा लेती है बेटियां
कà¤à¥€ सीता तो कà¤à¥€ पनà¥à¤¨à¤¾ धाय के जैसा तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¥€ करती है बेटियां
वीरांगना अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ जैसी होती है बेटियां
अपना समà¥à¤®à¤¾à¤¨ बचाने कà¤à¥€ पदà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¤à¥€ जैसा जौहर à¤à¥€ करती है बेटियां।।
हर घर का मान-समà¥à¤®à¤¾à¤¨, तखà¥à¤¤ औ' ताज होती है बेटियां
खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का खजाना तो ऊपरवाले की नायाब रचना है बेटियां
बड़े खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते है वो लोग
जिनकी पहली संतान होती है बेटियां।।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-19 11:17:54
नींद देती है, ना जाने कितने ख़ाब à¤à¥€ देती है
वो माठही है जो हर सवालों का जवाब देती है
जब à¤à¥€ घिरे हो मà¥à¤¶à¥à¤•िलों से बड़े आराम से निकाल देती है
वो माठही है जो हर मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‹à¤‚ का मà¥à¤‚हतोड़ जवाब देती है
à¤à¥‚खे हो बचà¥à¤šà¥‡ तो अपनी थाली परोस देती है
वो माठही है जो अपने à¤à¥‚ख को à¤à¥€ मात देती है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-05-09 14:41:51
à¤à¤• दिन बहà¥à¤¤ दूर चले जायेंगे हम
दूर फ़िज़ाओं में तारो के बीच नजर आà¤à¤‚गे हम
सोच कर आंखे नम ना करना
जमाने à¤à¤° की खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दे जाà¤à¤‚गे हम।
@दीपक सेà¤
Time : 2021-04-25 13:47:02
दिल मे दबी कोई टिस तो है
à¤à¤• तसà¥à¤µà¥€à¤° आंखों में छपी तो है
यूठही आह नही निकल रही
कही कोई कमी सी तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
नींद में कोई खलबली सी तो है
खà¥à¤µà¤¾à¤¬à¥‹à¤‚ में कोई मनचली तो है
यूठही नही कोई याद आ रहा
कही कोई आग लगी तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
शायरी में किसी का ज़िकà¥à¤° तो है
कà¥à¤› न सही मगर दिलà¥à¤²à¤—ी तो है
इस लॉकडाउन में हर तरफ सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾ है
फिर à¤à¥€ दिल मे कोई खलबली तो है।
दिल मे दबी कोई टिस तो है....
à¤à¤• तसà¥à¤µà¥€à¤° आंखों में छपी तो है
यूठही आह नही निकल रही
कही कोई कमी सी तो है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-26 08:57:28
"मेरा शहर बनारस"
उतà¥à¤¤à¤° वाहिनी बहती जहाठगंगा
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की नगरी में हो जाता मन चंगा
वो à¤à¤• शहर नही मेरी जान बनारस है
मोकà¥à¤· मिलती जिस नगरी में
हरिशà¥à¤šà¤‚दà¥à¤° और मणिकरà¥à¤£à¤¿à¤•ा घाट जहाठपर
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में सब à¤à¥‚मे
मिलता शà¥à¤°à¥€ विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ का धाम जहाठपर
वो à¤à¤• शहर नही मेरी जान बनारस है
शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी जैसा महान जहाठपर
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द का गोदान जहाठपर
मिलता सबसे बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ पान जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है
à¤à¥‹à¤²à¥‡ की धूनी में हर कोई रमा जहाठपर
दबा के मगही पान मà¥à¤à¤¹ में
करता महादेव की गà¥à¤£à¤—ान जहाठपर
बजती बिसà¥à¤®à¤¿à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ खान की शहनाई जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है।
पहलवान की लसà¥à¤¸à¥€ और असà¥à¤¸à¥€ की शाम जहाठपर
सà¥à¤µà¤¯à¤‚ विराजे à¤à¥ˆà¤°à¤µ बाबा बनकर काशी कोतवाल जहाठपर
हर हर महादेव का नारा
गूà¤à¤œà¤¤à¤¾ सà¥à¤¬à¤¹ औ' शाम जहाठपर
वो शहर नही मेरी जान बनारस है।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-23 20:06:44
"बेटियां"
बड़े खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते है वो लोग
जिनकी पहली संतान होती है बेटियां
कà¤à¥€ लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ तो कà¤à¥€ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का रूप à¤à¥€ होती है बेटियां
सबके जीवन को खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² बनाती है बेटियां।।
पापा की लाडली औ' माठकी दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€ होती है बेटियां
à¤à¤¾à¤ˆ की जान औ' शान होती है बेटियां
घर मे छोटी हो तो सबकी दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥€
और अगर बड़ी हो तो सबकी नानी à¤à¥€ होती है बेटियां।।
पापा के मार से à¤à¤¾à¤ˆ को बचाती है बेटियां
उसके à¤à¤µà¤œ में à¤à¤¾à¤ˆ से पैसे à¤à¥€ à¤à¤‚ठती है बेटियां
काम करने में कà¤à¥€ सबसे आगे
तो कà¤à¥€ जंगरचोरी à¤à¥€ करती है बेटियां।।
कहते है पराया धन होती है बेटियां
फिर à¤à¥€ हर घर की शान होती है बेटियां
घर के आंगन में जब खेलती है बेटियां
खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से घर को à¤à¤° देती है बेटियां।।
शादी के बाद अपने ही घर को पराया
और पति के घर को अपना बताती है बेटियां
à¤à¤¾à¤ˆ के लिठपति से à¤à¥€ लड़ती है बेटियां
माठबाप के बà¥à¥à¤¾à¤ªà¥‡ का सहारा à¤à¥€ होती है बेटियां।।
बन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ बाई अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ से लोहा लेती है बेटियां
कà¤à¥€ सीता तो कà¤à¥€ पनà¥à¤¨à¤¾ धाय के जैसा तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¥€ करती है बेटियां
वीरांगना अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ जैसी होती है बेटियां
अपना समà¥à¤®à¤¾à¤¨ बचाने कà¤à¥€ पदà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¤à¥€ जैसा जौहर à¤à¥€ करती है बेटियां।।
हर घर का मान-समà¥à¤®à¤¾à¤¨, तखà¥à¤¤ औ' ताज होती है बेटियां
खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का खजाना तो ऊपरवाले की नायाब रचना है बेटियां
बड़े खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते है वो लोग
जिनकी पहली संतान होती है बेटियां।।
©दीपक सेà¤
Time : 2021-04-19 11:17:54